मध्य प्रदेश में एक बड़ा बैंक सील कर दिया गया, जिससे बैंक के ग्राहकों में अफरा-तफरी मच गई। खासकर वो ग्राहक जो बैंक से पैसा निकालने आए थे, वो बहुत परेशान हुए। बैंक के ATM में भी पैसा नहीं मिला। मामला ये है कि MP की बिजनेस नगरी इंदौर में कर्नाटक बैंक की एक ब्रांच को सील कर दिया गया। ये कार्रवाई इंदौर नगर निगम ने की। हालाँकि, बैंक मैनेजमेंट ने नगर निगम की इस हरकत के खिलाफ हाई कोर्ट में अर्जी लगा दी। कोर्ट ने निगम को खूब खरी-खोटी सुनाई और बैंक ब्रांच को तुरंत खोलने का आदेश दिया।
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नगर निगम ने कर्नाटक बैंक की ग्रेटर कैलाश रोड वाली ब्रांच पर ताला जड़ दिया था। निगम और जिला प्रशासन की टीम ने बैंक के साथ-साथ बिल्डिंग के दूसरे दफ्तरों को भी सील कर दिया था। ये कार्रवाई ऊँची इमारतों में आग से बचाव के इंतजामों की जाँच के दौरान की गई। बिल्डिंग में आग बुझाने के सही उपकरण नहीं मिले, इसलिए पूरी बिल्डिंग को सील कर दिया गया।
बैंक के सील होने से ग्राहकों में डर का माहौल बन गया। इसी बीच, कर्नाटक बैंक के चीफ मैनेजर संदीप कुमार चौधरी ने भी इंदौर हाई कोर्ट में इस कार्रवाई के खिलाफ याचिका दायर कर दी। बैंक ने कहा कि उन्हें इस कार्रवाई के बारे में कोई जानकारी भी नहीं दी गई थी।
बैंक खुलने से पहले ही सील कर दिया गया था, जिसके चलते कई ग्राहक निराश होकर घर लौट गए। बैंक के कई ATM में पैसे भी नहीं डाले जा सके। नगर निगम और SDM द्वारा सीधे बैंक को सील कर देने से बैंक को भारी नुकसान हुआ, क्योंकि एक दिन तक कोई कामकाज नहीं हो पाया।
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हाई कोर्ट के जज सुबोध अभ्यंकर ने मामले की सुनवाई के बाद इंदौर नगर निगम को तुरंत बैंक ब्रांच का ताला खोलने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि लोग बैंकों में अपनी गाढ़ी कमाई जमा करते हैं, उनके लॉकर भी होते हैं। इस तरह की सीलिंग की कार्रवाई से ग्राहकों में डर पैदा होता है।