इंदौर और उसके आसपास के इलाकों को मिलाकर एक मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी बनाने की तैयारी शुरू हो गई है, ताकि शहर और उसके आसपास का इलाका और तेजी से तरक्की कर सके। CEO आरपी अहिरवार ने बताया कि जिन इलाकों की आबादी 10 लाख से ज्यादा हो जाती है, उन्हें मेट्रोपॉलिटन एरिया घोषित कर दिया जाता है। इंदौर शहर और उसके आसपास के इलाकों में बिना सोचे-समझे जो विकास हुआ है, उसकी वजह से आबादी की बढ़ने की रफ्तार 50% तक पहुँच गई है।
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आँकड़े जुटाए जा रहे हैं:
मेट्रोपॉलिटन शहर बनाने के लिए अलग-अलग तहसीलों, निकायों और जिलों से आँकड़े जुटाने पड़ेंगे। इसके बाद आबादी और उद्योगों के विश्लेषण की एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। फिर, जरूरी जगह का भौगोलिक विश्लेषण किया जाएगा। 2028 में होने वाले सिंहस्थ को देखते हुए उज्जैन और देवास में पहले से ही कई काम शुरू हो चुके हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इलाके की प्लानिंग का एक प्रस्ताव बनाया जाएगा। इसके बाद, एक स्टेट डेवलपमेंट अथॉरिटी बनेगी।
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इस मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी में इंदौर, उज्जैन, देवास, धार और शाजापुर का कुछ हिस्सा शामिल होगा। इस पूरे इलाके का क्षेत्रफल 31360.6 वर्ग किलोमीटर होगा, जिससे इंदौर को गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट का मॉडल मिलेगा। ऐसा करने से आर्थिक और औद्योगिक विकास की रफ्तार और तेज हो जाएगी।