अब रजिस्ट्री और मालिकाना हक के नियमों में बदलाव का अच्छा असर दिख रहा है। आजकल महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी में खूब इन्वेस्टमेंट हो रहा है। माँ, पत्नी, बेटी, बहू – सब बन रही हैं ज़मीन की मालकिन। रजिस्ट्री फीस में 2 परसेंट की छूट का फायदा उठाने के लिए, लोग अपनी नई प्रॉपर्टी उनके नाम पर रजिस्टर करवा रहे हैं। अभी जो फाइनेंसियल ईयर 2024-25 ख़त्म हुआ है, उसमें अकेले इस जिले में 13 हज़ार से ज़्यादा प्रॉपर्टी महिलाओं के नाम पर रजिस्टर हुई हैं!
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सिर्फ प्रॉपर्टी ही नहीं, छोटे-मोटे बिज़नेस (MSME) में भी महिलाओं का दबदबा बढ़ रहा है। वो खाने-पीने की चीज़ें बनाने से लेकर, उनकी प्रोसेसिंग और पैकेजिंग तक में अपना हाथ आज़मा रही हैं। ग्रुप बनाकर पापड़, बिजौरे, बड़ी, अचार, सत्तू जैसी चीज़ें बना और पैक कर रही हैं।
महिला प्रॉपर्टी: MSME में मददगार
सरकार की तरफ से छोटे और मध्यम उद्योग शुरू करने के लिए जो स्कीम चल रही है, उससे महिलाओं को बहुत मदद मिल रही है। इसी वजह से वो शहर के साथ-साथ शाहपुरा, पनागर, सिहोरा जैसे इलाकों में भी काम कर रही हैं। MSME शुरू करने पर महिलाओं को सालाना गारंटी फीस में 10 परसेंट की एक्स्ट्रा छूट मिल रही है। मतलब, बाकी लोगों को गारंटी फीस में 75 परसेंट की छूट मिलती है, लेकिन महिलाओं को एडिशनल गारंटी कवरेज की वजह से 85 परसेंट की छूट मिल रही है!
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महिलाओं की संपत्ति
फाइनेंसियल ईयर में कुल मिलाकर पैंतीस हज़ार प्रॉपर्टी रजिस्टर हुई हैं, जिसमें से 38 परसेंट महिलाओं के नाम पर हैं। पिछले कुछ सालों में महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्रेशन की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
पवन अहिरवाल, जिला वरिष्ठ रजिस्ट्रार