
Indore News: तिरुपति बालाजी प्रसाद में मिलावट के विवाद के बीच मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से बड़ी खबर आई है। इंदौर जिला प्रशासन और खाद्य विभाग की टीमों ने 29 सितंबर को विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर का दौरा किया। इस दौरान टीमों ने मंदिर में बनने वाले प्रसादी लड्डुओं और अन्य खाद्य सामग्री के सैंपल लिए।
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खजराना मंदिर प्रसाद की जांच
खजराना गणेश मंदिर समिति द्वारा बनाए जा रहे प्रसादी लड्डुओं की जांच के लिए टीमों ने उस स्थान का भी दौरा किया, जहां ये लड्डू बनाए जाते हैं। यहां से टीमों ने लड्डू, घी, आटा, मूंग, चावल, नमक सहित सभी वस्तुओं के सैंपल लिए। अब ये सभी सैंपल परीक्षण के लिए लैब में भेजे जाएंगे, ताकि प्रसाद की शुद्धता की जांच हो सके।
राज्य खाद्य परीक्षण लैब भेजे जाएंगे सैंपल
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खजराना मंदिर के अलावा टीमों ने मंदिर परिसर में मौजूद 6 अन्य दुकानों से भी सैंपल लिए हैं। अब इन सैंपल्स को भोपाल स्थित राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद यदि कुछ भी संदिग्ध पाया जाता है तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि खजराना गणेश मंदिर समिति द्वारा रोजाना करीब 60 किलो लड्डू भक्तों के लिए बेचे जाते हैं।
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सैंपलिंग की आवश्यकता क्यों पड़ी?
अधिकारियों के अनुसार, तिरुपति बालाजी प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलने का मामला गंभीर है। इसीलिए जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया है। यह लोगों की आस्था और विश्वास का सवाल है, इसलिए हर प्रकार की जांच की जाएगी। खासतौर से घी की गुणवत्ता की जांच बेहद महत्वपूर्ण है।
अन्य मंदिरों पर भी की जायेगी जांच
इंदौर के खजराना गणेश मंदिर के साथ-साथ शहर के अन्य प्रमुख मंदिरों में भी प्रसाद की शुद्धता की जांच की जाएगी। प्रशासन और खाद्य विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है और भविष्य में अन्य मंदिरों से भी सैंपल लिए जाएंगे। सरकार ने इस मुद्दे पर प्रशासन को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। एक दिन पहले ही खाद्य विभाग ने भोपाल के पास स्थित प्रसिद्ध सलकनपुर की माता मंदिर के प्रसाद के भी सैंपल लिए थे।