Hindi

पांढुर्ना में न्‍यू चेतना मंच सीपीआर प्रशिक्षण शिविर आयोजन का किया आयोजन

गुड्डू कावले पांढुरना: शिक्षक ने एक बच्चे को सीपीआर देकर दिया था जीवनदान वास्तविक सत्‍य घटना से प्रब्धजनों को किया रूबरू.शहर के अनेकों प्रकार की घटनाएं घटती है और आम जानो को जरूरत मंद व्यक्ति को प्राथमिक उपचार क्या देना इस बात से हम लोग अभिनय होते है शहर की सामाजिक संस्था न्‍यू चेतना मंच और माधवबाग चिकित्‍सालय कोढांली के संयुक्‍त तत्‍वाधान में नवनित मंगल कार्यालय भवन में आयोजित सीपीआर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसमे विशेषज्ञ डॉ. गौरव शेरडे ने न्‍यु चेतना मंच के 72 सदस्यो ने प्रशिक्षण प्राप्‍त किया शिविर मे हार्ट एवम् अंन्‍य बिमारियों से पिडित 237 मरीजो ने स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्राप्‍त किया । सीपीआर से जिवनदान कैसे दिया जा सकता इस विषय पर प्रशिक्षित टीम के साथ डॉ.ने मॉडल, एवं प्रोजेक्‍टर के माध्‍यम से समझाया,और सभी प्रशिक्षणार्थीयों ने प्राक्टिकल कर सीपीआर कैसे देना सभी के प्रश्‍नो के उत्‍तर आमजनों को दिए इस आयोजन में न्‍यू चेतना मंच पांढुरना, के अध्‍यक्ष श्री. गोपाल माहेश्‍वरी, उपाध्‍यक्ष राजीव बेहुने, गोविन्‍द अग्रवाल, सुबोद शाह, मेहताजी, नरेन्‍द्र बांबल एवम् मण्‍डल सहित सभी सदस्‍यों, डॉ. शेलडे सभी को हृदय से आभार धन्‍यवाद माना।

image 182
पांढुर्ना में न्‍यू चेतना मंच सीपीआर प्रशिक्षण शिविर आयोजन का किया आयोजन 1

सीपीआर के प्राथमिक उपचार से हर्षा को मिला नया जीवन

सेवानिवृत्ति शिक्षक अनिल सांबारे ने उनके द्वारा एक घटना में बच्ची को सीपीआर दे कर से कैसे बचाया इस बात को शिविर आयोजन में बताया 20 फरवरी 2015 की एक घटना में 4 वर्ष की एक मासूम बच्ची सावरगाव के चौरे जी के खुले कुए में गिर गयी थी,लोगो की भीड़ कुए के इर्द गिर्द लगी हुई थी।लगभग 15 मिनट से पानी में डुबी रही देखने में लगा की बच्ची मृत हो गई होगी परन्तु लोगो की मदत मासूम बच्ची को पानी से बाहर निकाला देखा तो सांस व नाडी नही चल रही थी।इस समय तत्काल सीपीआर की प्रक्रिया से प्राथमिक उपचार दिया और सेवानिवृत्ति शिक्षक अनिल सांबारे ने उस बच्ची की जान बचाई थी।

image 184
पांढुर्ना में न्‍यू चेतना मंच सीपीआर प्रशिक्षण शिविर आयोजन का किया आयोजन 2

मरीज को सीपीआर देने की प्रक्रिया

घटना व दुर्घटना यदि कोई व्यक्ति बेहोशी की हालत में हो या उसका हाड़ काम करना काम कर देता हो ऐसी स्थिति में
मरीज को सीपीआर देकर ऐसे मरीज को बचाया जा सकता हैं। सीपीआर ( कार्डियो पल्‍मोनरी रिससिटेशन ) एक आपातकाल जीवनरक्षक उपचार है।इस प्रक्रिया को समाज में सभी लोगो ने सीखना चाहिए।जिसमे मरीज के छाती को बार बार धक्‍का देते रहे।यदि आपके सामने कोई आपातकाल घटना या दुर्घटना हुई हो और उसमे किसी की सास रुकने जैसी स्थिति हो तब इस प्रक्रिया के माध्यम से उस व्यक्ति को बचाया जा सकता है। इस घटना में दुसरा जन्‍म होना मनाने वाली हर्षा पांडव ने न्‍यू चेतना मंच सीपीआर प्रशिक्षण शिविर के आयोजन पहुचकर बताया कि मै इसका प्रत्‍यक्ष उदाहरण हु। सीपीआर का प्रशिक्षण लेकर जीवन में लोंगो की मदत करने संकल्पित हुं।

image 183
पांढुर्ना में न्‍यू चेतना मंच सीपीआर प्रशिक्षण शिविर आयोजन का किया आयोजन 3

अनिल सांबारे के अनुसार सी.पी.आर. का प्रचार प्रसार के साथ प्रशिक्षण अत्‍यन्‍त जरूरी है, अन्‍यथा सी.पी.आर. करने वाले पर, प्रत्‍यक्षदर्शी जनता की गालियॉ, अपमानित करके, प्राणघातक हमला का सीकर हो सकते है यह तब किया जाता है, जब किसी की सांस या दिल की धडकन रूक जाती है । कार्डियो का अर्थ हृदय, पल्‍मोनरी का अर्थ फेफडो, रिससिटेशन का अर्थ पुनर्जीवन अर्थात हृदय की धडकनो तथा फेफडों से स्‍वास लेने की प्रक्रिया को दोबारा शुरू करना । जब कोई व्‍यक्ति दिल का दौरा पडने या पानी में डुब जाता है या चक्‍कर आकर गिरता है तब सी.पी.आर.से उसकी की जान बचाने में मदत की जा सकती है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *