Harda News/संवाददाता मदन गौर:- यम सल्लेखना के साथ हुआ उत्कृष्ट समाधि मरण समाधि सम्राट आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज के शिष्य एवं आचार्य श्री समय सागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती निर्यापक श्रमण मुनिश्री वीर सागर जी महाराज का सिद्ध साधना वर्षायोग सिद्धादोदय सिद्ध क्षेत्र नेमावर में चल रहा है । सिद्ध साधना को आगे बढ़ाते हुए क्षेत्र पर साधना रत 68 वर्षीय श्रावक प्रकाश जैन उज्जैन ने अपनी भावना निर्यापक श्रमण श्री वीर सागर जी महाराज के श्री चरणों में समाधि सल्लेखना को करने का मनोभाव बनाया।
यह भी पढ़िए :- Paryushan Parv: प्राणी-रक्षण और इन्द्रिय दमन करना संयम है – निर्यापक श्रमण मुनि श्री वीरसागर
पर्युषण से पूर्व चतुर्थी को उन्होंने वीरसागरजी महाराज से १० प्रतिमा के वृत्त ग्रहण किए थे।आज प्रातः काल 9 बजे में मुनिश्री वीरसागर जी के मार्गदर्शन सानिध्य में पूर्ण जागृति के साथ चारों प्रकार के अन्न जल का त्याग कर दिया था । इसके साथ साथ एक वस्त्र को छोड़कर सभी प्रकार के आरंभ परिग्रह का भी त्याग कर दिया था। सुबह 11:05 बजे स्वयं पद्मासन मैं बैठकर नमोकार मंत्र जपते हुए समाधि मरण हुआ।
यह भी पढ़िए :- Harda News: विधायक डॉ आर के दोगने को दादा साहब फाल्के अवार्ड से किया सम्मानित
धन्य है ऐसे श्रावक जिन्होंने अपना अंतिम लक्ष्य प्राप्त किया,धन्य है आत्म कल्याण रूप जैन धर्म है, और धन्य है ऐसे श्रमण जो सेवा में संलग्न है। उक्त जानकारी मिडिया प्रभारी राजीव रविंद्र जैन ने दी।
MP News: उप-चुनाव के पहले कांग्रेस को मिला झटका 6 पार्षदों ने ली भाजपा की सदस्यता
Harda News: MSP पर खरीदी जाने वाली सोयाबीन के दामों की समीक्षा पुनः की जाये- हेमंत टाले