डॉ. मोहन यादव की सरकार पर आरोप है कि राज्य के करीब साढ़े तीन लाख पेंशनर्स को धोखा दिया गया है। वजह है DA (महंगाई भत्ता) में भेदभाव। सरकार ने डीए बढ़ाने का ऐलान तो किया, लेकिन तारीख और भुगतान के तरीके को लेकर पेंशनर्स में नाराजगी है।
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कर्मचारियों को मिला पूरा फायदा
राज्य सरकार ने कर्मचारियों के लिए 1 जुलाई 2024 से DA में 3% और 1 जनवरी 2025 से 2% की बढ़ोतरी की घोषणा की है। मतलब कुल 5% डीए बढ़ा है और अब उनका डीए 50% से 55% हो गया है। अच्छी बात ये है कि ये पैसा उन्हें बकाया (arrears) के साथ मिलेगा।
पेंशनर्स को सिर्फ आधा लाभ
वहीं पेंशनर्स को सिर्फ 3% का लाभ दिया गया है, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। उनका डीआर (महंगाई राहत) 50% से 53% किया गया है। न तो इसमें पूरा 5% बढ़ोतरी है, न ही कोई बकाया मिलेगा।
पहले नहीं होता था ऐसा
अब तक जब भी डीए बढ़ा है, कर्मचारियों और पेंशनर्स—दोनों को बराबर लाभ मिलता था। लेकिन इस बार पेंशनर्स को दोहरा झटका मिला है—कम प्रतिशत और देर से भुगतान।
पेंशनर्स में गुस्सा, कर्मचारी नेता भी नाराज़
वरिष्ठ कर्मचारी नेता एल.एन. शर्मा ने कहा, “ये सीधा धोखा है पेंशनर्स के साथ। जब कर्मचारियों को 55% DA और बकाया दिया जा रहा है, तो पेंशनर्स को क्यों नहीं?”
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पेंशनर्स की मांग
पेंशनर्स संघ ने मांग रखी है कि उन्हें भी पूरे 55% डीआर मिले और बकाया भी दिया जाए। नहीं तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।