MP News : कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाने की दिशा में मध्यप्रदेश सरकार को एक बड़ी सफलता मिली है। राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के प्रयासों के फलस्वरूप केंद्र सरकार ने प्रदेश की आठ अहम सिंचाई परियोजनाओं को वन एवं पर्यावरण संबंधी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इन परियोजनाओं की मंजूरी मिलने से लाखों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा और सूखे की समस्या से जूझ रहे क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
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केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात का परिणाम
राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से भेंट कर इन अटकी परियोजनाओं को मंजूरी देने का अनुरोध किया था। मंत्री यादव ने तत्परता दिखाते हुए इन योजनाओं को हरी झंडी दे दी और संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया।
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने इस निर्णय के लिए केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य हर किसान के खेत तक पानी पहुँचाना है, जिससे कृषि को एक लाभकारी पेशा बनाया जा सके।
कौन-कौन सी परियोजनाएं मिलीं हरी झंडी?
अब जिन सिंचाई परियोजनाओं को केंद्र सरकार से वन एवं पर्यावरण संबंधी मंजूरी मिल गई है, उनमें शामिल हैं:
- मां रतनगढ़ बहुउद्देश्यीय परियोजना, डबरा (दतिया)
- लोअर एंड मेजर प्रोजेक्ट, अशोकनगर और शिवपुरी
- चेंटीखेड़ी परियोजना, श्योपुर
- मुञ्झीरी मेजर प्रोजेक्ट, श्योपुर
- कोपरा मीडियम सिंचाई परियोजना, सागर
- छिंदवाड़ा कॉम्प्लेक्स बैलेंसिंग रिजर्वायर, छिंदवाड़ा
- सोनखेड़ी लघु सिंचाई परियोजना, बड़वानी
- डामखेड़ा लघु सिंचाई योजना, खरगोन
इन सभी परियोजनाओं के निर्माण की प्रक्रिया अब शीघ्र ही प्रारंभ की जा सकेगी।
कृषि को मिलेगा नया जीवन
इन परियोजनाओं के शुरू होने से न सिर्फ कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि किसानों को मानसून पर निर्भरता भी कम करनी पड़ेगी। इसके साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था में गति आएगी।
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सरकार का यह कदम निश्चित रूप से प्रदेश को आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में मजबूत बनाएगा। आने वाले वर्षों में जब यह परियोजनाएं पूर्ण होंगी, तो ये मध्यप्रदेश के ग्रामीण परिदृश्य को पूरी तरह से बदलने में सहायक बनेंगी।