नीमच की ओशीन शर्मा और बनारस की दीपिका मिश्रा, ये दोनों विंध्य पर्वतमाला में पत्थर के पुराने औजार ढूंढ रही थीं। ये पहाड़ नीमच जिले से लेकर छोटी सादड़ी (राजस्थान) तक फैला हुआ है। ढूंढते-ढूंढते इनको करड़िया महाराज और चीताखेड़ा के इलाके में सैकड़ों पत्थर मिले हैं!
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इनमें से ओशीन ने करीब 15 पत्थर तो रिसर्च के लिए इकट्ठे भी कर लिए हैं। ओशीन पिछले एक हफ्ते से पत्थर के औजार ही ढूंढ रही थी। और देखो क्या मिला! हाथ की कुल्हाड़ी, क्लीवर, फ्लेक्स और कोर जैसे पुराने ज़माने के औजार मिले हैं। अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि ये सारे औजार करीब डेढ़ लाख साल पुराने हैं, जो कि बहुत बड़ी बात है!
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लैब में होगी जाँच-पड़ताल:
ओशीन का कहना है कि इस इलाके में सालों से किसी ने खोज नहीं की थी। अब इन पत्थर के औजारों को लैब में ले जाकर देखेंगे कि पत्थर युग में इनका इस्तेमाल किसलिए होता था। हो सकता है ये औजार सच में डेढ़ लाख साल पुराने हों! सोचो, कितने पुराने ज़माने की बात है ये! ये खोज तो एकदम कमाल की है!