Harda News/संवाददाता मदन गौर:- ग्राम बाला गांव बालेश्वर धाम की धरा पर शिव मंदिर प्रांगण में दो दिवसीय सत्संग आयोजित हुआ उसकी शुभ बेला पर ग्राम के साधकों ने पूज्यनीय गुरु देव के सत्संग का लाभ लिया सत्संग कर्ता परंम पूज्य गुरुदेव सुरेश भैयाजी ने बताया कि आपकी आत्मा आपका सबसे बड़ा गुरु है ! वास्तव में असल चीज तो मन है। यह शरीर और आत्मा के बीच की कड़ी है।
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यही मन शरीर व इन्द्रियों को चालू रखता है, और चलाकर उनके पीछे स्वयं बना रहता है। इस मन को भी गुरु की सेवा में लगाना जरूरी है। मुख्य व असली सेवा तो इसी मन की होती है। मुख्य आशय तो मन के ही रँगने-रँगाने का है। अगर तन से सेवा की जावे और मन शरीक नहीं होता तो वह सेवा, सेवा ही नहीं कही जा सकती है।योग क्षेम परमात्मा कराता है इंसान के बस की बात नहीं है। परमात्मा ऐसी स्थिति पैदा करता है कि आपका मन उसकी तरफ़ खिंचता जाता है। आप यहाँ सत्संग में आए हैं ये परमात्मा की आपके ऊपर कृपा है।
आपका कर्तव्य यह भी बनता है की आप आए हैं तो बच्चों को, अपने परिवार को भी यहाँ लाएँ और सत्मार्ग पर लगाएँ।
आपने यह महसूस किया होगा कि कितना भी कथाएँ सुन लें, प्रवचन सुन लें, भागवत सुन लें, पर कुछ समय बाद उसका कोई प्रभाव नहीं रहता। यदि हमें अपना जीवन सुंदर व ईश्वरीय बनाना है तो परमात्मा से सच्चे दिल से जुड़ना होगा, और हमारा सत्संग इसे practically करना सिखाता है।
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जब हम अपने इष्ट देव से जुड़ते जाते हैं, तो हमारे पितृ, हमारे बुजुर्ग जो संसार से जा चुके हैं, उनको भी हम तारते हैं। और हमारी आगामी पीढ़ी, हमारे बच्चे जब सत्संग से जुड़ते हैं तो उनका भी जीवन सुंदर होता चला जाता है।
गुरुदेव व माताजी का सानिध्य, मंत्रोच्चारण के साथ भोजन का आरंभ, और हर निवाला प्रभु की याद में ! बालागांव शिवमन्दिर में उपस्थित साधक-गण एवं ग्रामवासियों ने ऐसे दिव्य वातावरण में भोजन प्रसादी पाते हुए आनंद लिया अंत में गुरु और गुरुमाता साधक गण को विदाई दी सत्संग के समापन पर आभार व्यक्त सुरेश गौर ने किया।
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