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छगली के पालन से पहले जान ले ये बाते नहीं तो कर लोगे बड़ी गलती बन गयी बात तो लग जाएगी लॉटरी

छगली के पालन से पहले जान ले ये बाते नहीं तो कर लोगे बड़ी गलती बन गयी बात तो लग जाएगी लॉटरी बकरी पालन हो या गाय-भैंस का पालन, पशुओं में प्रजनन बहुत महत्वपूर्ण होता है. जानवर जितना स्वस्थ और अच्छी नस्ल का होगा, उससे पैदा होने वाले बच्चे भी उतने ही मजबूत और फायदेमंद होते हैं. बकरी पालन में भी यही नियम लागू होता है.

बकरी के गर्मी में आने के 24 से 30 घंटों के अंदर उसे गर्भित करा देना चाहिए. लेकिन गर्भधारण के दौरान कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है. ये बातें zwar छोटी लग सकती हैं, लेकिन इनका असर पैदा होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ता है.

बकरी का वंशावली और माता-पिता का महत्व

बकरी पालक को बकरी के वंशावली के साथ-साथ उसके माता-पिता की गुणवत्ता के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए. उदाहरण के लिए, यह जानना जरूरी है कि बकरी के माता-पिता कितना दूध देते थे या उनका वजन कितना था.

आमतौर पर बकरियों को दूध और मांस के लिए पाला जाता है. अगर आपको दूध चाहिए तो आप अपने फार्म में दूध देने वाली बकरियों की संख्या बढ़ा सकते हैं. और अगर आप सिर्फ मांस के लिए बकरी पालते हैं, तो बकरी का बच्चा वजनदार और स्वस्थ होना चाहिए.

बकरी के माता-पिता के बारे में यह जानकारी जरूर लें

सीआईआरजी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एमके सिंह का कहना है कि बकरी का पारिवारिक गुण यह निर्धारित करता है कि बकरी का बच्चा कैसा होगा. उदाहरण के तौर पर, यह जानना जरूरी है कि बकरी की माँ कितना दूध देती थी, एक बार में उसने कितने बच्चों को जन्म दिया था. साथ ही, यह भी पता लगाएं कि गर्भवती होने वाली बकरी ने जन्म के बाद कितने बच्चों को जन्म दिया और उनके पिता का कद कैसा था. बकरी के अन्य भाई-बहनों के बारे में भी जानकारी हासिल करें.

बकरी को गर्भवती कराने से पहले उसका हेल्थ कार्ड जरूर मांगें

एमके सिंह एक महत्वपूर्ण सुझाव देते हैं कि जब भी आप बकरी को गर्भित कराने के लिए ले जाएं, तो सबसे पहले बकरी के स्वास्थ्य की जांच कराएं. हालांकि, आंतरिक बीमारियों का जल्दी पता लगाना मुश्किल होता है, लेकिन आप देख सकते हैं कि बकरी चुस्त है या नहीं. अगर उसकी उम्र डेढ़ साल है तो उसका वजन उसके हिसाब से 35 से 40 किलो होना चाहिए. साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखें कि गर्भधारण कराने वाली बकरी और जिस बकरी को गर्भवती कराना है, उनमें किसी तरह का खून का रिश्ता न हो. वरना, इससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

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