Harda News/संवाददाता मदन गौर :- हर वर्ष किसानों को रबी सीजन में डी.ए.पी. एवं यूरिया खाद की भारी किल्लत रहती है, इसलिए किसानों को भारी परेशानियाँ होती है। किसानों के संबंध में निम्नलिखित बिन्दुओं पर आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहते हैं, ताकि किसानों को आगामी समय में परेशानी ना हो:-
यह भी पढ़िए :- MP News: विदाई लेता मानसून बन रहा आफत ! स्कूलों में अवकाश घोषित ,कब तक रहेगी जोरदार बारिश
- आगामी रबी सीजन में मक्का का रकबा बहुत बड़े क्षेत्र में रहेगा, इसलिए यूरिया का भण्डारण पिछले वर्ष से दोगुना भण्डारण किया जाए एवं सोसायटियांे के माध्यम में यूरिया का वितरण किया जाए।
- हरदा जिले में पिछले वर्ष डी.ए.पी. खाद का भारी संकट था, किसानों को डी.ए.पी. की जगह एन.पी.के. खाद दिये गये थे, जो कि डी.ए.पी. से 150 रूपये प्रति बोरी महंगा था और एन.पी.के. खाद नकली भी दी गई थी, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ था, इसलिए किसानों को डी.ए.पी. खाद ही उपलब्ध कराई जाए।
- किसानों को कृषि विभाग द्वारा अनुदान पर चने, गेहूँ, मक्का, सरसो का बीज उपलब्ध कराया जाएं
- हरदा मंडी में हर वर्ष भारी आवक रहती है, हरदा मंडी में छिपानेर पुल बनने से उस तरफ से भी किसान ज्यादा आते हैं, खातेगांव से भी किसान आते हंै, सिवनी, बनापुरा तक के किसान आते हैं, किन्तु मंडी में प्लेट काँटे दो ही होने से किसानों को तीन से चार दिन तक रुकना पड़ता है। इसलिए हरदा मंडी मंे दो प्लेट काँटे 15 टन के लगवाए जाए ताकि किसानों को रतजगा नहीं करना पड़े। खिरकिया एवं टिमरनी मंडी में भी एक-एक प्लेट काँटा और लगाया जाए।
- किसानों को पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था की जाए, तीन-चार जगह टंकियाँ रखी जाए एवं पहले की तरह मंडी केन्टीन से किसानों को भोजन के टोकन दिए जाए एवं भोजन की व्यवस्था प्रारंभ की जाए।
- मंडी के गेट पर आवक रजिस्टर होना चाहिए, वहीं से किसानों को टोकन नंबर दिए जाए ताकि गरीब किसान परेशान ना हो, टोकन व्यवस्था नहीं होने से प्रभावशाली लोग ट्राॅलियाँ मनमाने तरीके से लगा देते हैं, ऐसे मंे गरीब किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
- किसानों के बैंक खातों को, जो बिजली कंपनी ने होल्ड करा रखे है, उनके होल्ड हटाए जाए।
- किसानों से सरकार ने समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदी की घोषणा तो कर दी है, लेकिन सोयाबीन खरीदी करना संभव नहीं है। क्योंकि सोयाबीन मंे कटाई के बाद दो माह तक नमी रहती है एवं भारी बारिश की वजह से हार्वेस्टर के कटाई होने से सोयाबीन का कलर भी खराब होता है, मिट्टी भी आती है। ज्यादा बारिश की वजह से दाना भी दागी हो जाता है। ऐसी स्थित में एफ.ए.क्यू. में बहुत परेशानी होगी। किसानों की ट्राॅलियाँ रिजेक्ट होगी, समय पर खरीदी नहीं होने से किसानों को रबी सीजन की बोनी के लिए खाद बीज खरीदना रहता है, समय पर भुगतान भी नहीं होगा, मूंग का भुगतान आज तक हजारों किसानों को नहीं मिला है। इसलिए खरीदी के मापदंड जल्दी तैयार किए जाए, खरीदी केन्द्र ज्यादा बनाए जाए और एफ.ए.क्यू. का मापदंड क्या रहेगा, ये भी सभी किसानों को बताए जाए।
अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि उपरोक्त विषय पर तत्काल संज्ञान लें, ताकि किसानों को परेशान भी ना होना पड़े और आन्दोलन की जरूरत ना पड़े।
Also Read :-
Harda News: विधायक डॉ. दोगने द्वारा किया गया फायर फाईटर पानी टेंकरों का किया वितरण