Tuesday, July 8, 2025

लहसुन की फसल बनेगी लखपति, पीलापन और मुरझाने का इलाज है झक्कास, कमाल कर देगा

लहसुन की फसल बनेगी लखपति, पीलापन और मुरझाने का इलाज है झक्कास, कमाल कर देगा लहसुन की खेती किसानों के लिए फायदेमंद हो सकती है। लहसुन का इस्तेमाल पूरे साल किया जाता है, और इसका हरा पत्ता और कलियां दोनों ही उपयोग में आती हैं। लहसुन को आसानी से लंबे समय तक संग्रहीत किया जा सकता है, जिससे कोई नुकसान नहीं होता। यदि किसानों को बड़े लहसुन के बल्ब मिलते हैं, तो उन्हें ज्यादा मुनाफा मिलेगा क्योंकि बड़े बल्ब की कीमत भी ज्यादा मिलती है। लेकिन इसके लिए लहसुन की गुणवत्ता का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

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लहसुन की फसल में किस बात का ध्यान रखना चाहिए?

लहसुन की फसल को अच्छी और स्वस्थ बनाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

मिट्टी का pH मान जांचें
लहसुन की अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी का pH मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए। इससे लहसुन की फसल अच्छी होती है।

मिट्टी की संरचना
मिट्टी सूखी और ढीली होनी चाहिए। लहसुन को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती, क्योंकि अत्यधिक पानी से पत्तियां खराब हो सकती हैं और बल्ब भी खराब हो सकते हैं।

सूरज की रोशनी
लहसुन की फसल को दिनभर अच्छी धूप मिलनी चाहिए, ताकि वह सही से विकसित हो सके।

जल निकासी का ध्यान रखें
लहसुन की फसल में जलभराव नहीं होना चाहिए। मिट्टी में जल निकासी का पूरा ध्यान रखें।

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लहसुन की फसल के लिए खाद और उर्वरक

लहसुन की फसल में उर्वरक का सही इस्तेमाल भी बहुत जरूरी है। बेहतर पैदावार और अच्छी गुणवत्ता के लिए जैविक खाद का प्रयोग करें। अगर रासायनिक उर्वरक का उपयोग करना है तो ध्यान रखें:

  1. यूरीया उर्वरक का इस्तेमाल
    यदि लहसुन की पत्तियों का रंग सही नहीं है या पत्तियां मुरझा रही हैं, तो सबसे पहले उर्वरक और पानी पर ध्यान दें। इसके बाद, यूरीया उर्वरक का उपयोग करें।
  2. रोग नियंत्रण के उपाय
    यदि लहसुन की फसल में बीमारी के लक्षण दिख रहे हैं, जैसे पत्तियों पर दाग या झूलना, तो रोगोर (1 ml प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें। इसके साथ ही, नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश (80 ग्राम प्रति लीटर पानी) का भी छिड़काव किया जा सकता है।

मिट्टी की जांच कराएं

यदि उर्वरक और पानी के बाद भी आपकी फसल में कोई समस्या आ रही है, तो मिट्टी की जांच कराना महत्वपूर्ण है। इससे यह पता चलेगा कि मिट्टी में किस प्रकार के पोषक तत्व की कमी हो रही है, जिससे आपकी फसल सही तरीके से विकसित हो सकेगी।

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