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कलेक्टर अजय देव ने ग्राम पंचायत सिवनी में मनरेगा से संचालित सामुदायिक पोषण वाटिका का किया निरीक्षण

गुड्डू कावले पांढुरना: रविवार को जिला कलेक्टर अजय देव शर्मा ने ग्राम पंचायत सिवनी के माध्यम से संचालित सामुदायिक पोषण वाटिका का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने यहां लगे फलदार वृक्षों और औषधिय पौधों की रखरखाव की व्यवस्थाओं पर खुशी जताई। साथ ही इनकी आवश्यकता और उपयोगिता पर जोर दिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह पोषण वाटिका स्वस्थ जीवन के साथ-साथ आर्थिक बोझ कम करने का एक आधार है। निरीक्षण के दौरान तहसीलदार विनय प्रकाश ठाकुर और सीईओ ललित कुमार चौधरी उपस्थित रहे।

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अधिकारियों ने बताया कि सामुदायिक पोषण वाटिका में फलदार वृक्षों के अलावा वानिकी एवं औषधि पौधे लगाए जाकर जैविक सब्जियों के रोपण व उत्पादन पर जोर दिया जाता है। सामुदायिक पोषण वाटिका के अंतर्गत फलों के वृक्ष जैसे अमरूद, आम, अनार इत्यादि और मध्यवर्ती स्थान में सब्जियों का भी उत्पादन किया जाता है। सामान्य तौर पर ग्रामवासियों व नगरवासियों द्वारा जो सब्जियां एवं फल खरीदे जाते है, वें बड़ी मंडियों से आते है। उसके बाद छोटी मंडियों में आते है और उसके बाद छोटे दुकानदारों को उपलब्ध होते है। इस स्थिति में उपभोक्ता तक पहुंचते-पहुंचते फल एवं सब्जियां उतने ताजा नहीं रह पाते है। इस प्रकार से जितने न्यूट्रिशन हमारे शरीर को प्राप्त होना चाहिए, वह क्षीण हो जाते है। पोषण वाटिका का विकास करके समाज को भी एक संदेश प्राप्त होता है कि जैसे शासकीय तौर पर पोषण वाटिका बनाई जा रही है, इसीप्रकार से जिन किसानों के पास ज्यादा भूमि उपलब्ध है, वह भी फलों एवं सब्जियों के उत्पादन मिश्रित रूप में करें। जिससे ग्रामवासियों को निकट स्थान पर ही ताजी फल एवं सब्जियां सहायता से उपलब्ध हो सके।

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सीईओ ललित कुमार चौधरी ने बताया कि मनरेगा योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत सिवनी में 2.5 एकड़ में पोषण वाटिका विकसित की गई है। पोषण वाटिका यह पांच वर्षों की योजना है। जिसमें क्यारियों में भिंडी, ग्वार, सेमी, काटोल, बरबटी, आलू, लहसुन, प्याज के अलावा फलदार प्रजाति में आम व जामुन के सौ-सौ, इमली के 150 और करोंद, नींबू व आंवले के 50-50 पेड़ लगे है। निरीक्षण के दौरान यह देखा गया कि पोषण वाटिका में सिंचाई व अन्य व्यवस्था के लिए समीपवर्ती कुएं से पानी लिया जा रहा है, जिसमें असुविधा बनी है। इस पर कलेक्टर ने निर्देश दिए गए की पोषण वाटिका में ही नवीन कूप बनाकर जल सुविधा उपलब्ध करा लें। ताकि पर्याप्त सिंचाई से अच्छे रूप में पौधों व वृक्षों का विकास हो सके। कलेक्टर ने अमले को निर्देशित किया जिले के पांढुर्ना व सौसर दोनों विकासखंडों में मौजूद पोषण वाटिकाओं पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। उन्हें अच्छे रूप में विकसित कर पर्याप्त पानी की व्यवस्था बनाई जाएं। इस दौरान कलेक्टर ने वाटिका में आंवले के पौधे का रोपण भी किया।

पोषण वाटिका के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर को मोक्षधाम में हुए वृक्षारोपण की भी जानकारी मिलीं। जिस पर उन्होंने मोक्षधाम पहुंचकर वृक्षारोपण का अवलोकन किया। जिसमें जन सहयोग से वृक्षारोपण हुआ है और यहां बेहतर रखरखाव हो रहा है। मोक्षधाम में दो एकड़ में हुए वृक्षारोपण में लगभग 300 पौधे लगे है। जिसमें जामुन, नींबु, आंवला, ईमली के 20-20, जाम के 100, आम के 200 और रामफल के 5 फलदार पौधे लगे है। जिसमें भरपूर फल भी आ रहे है। यहां अमरूद के वृक्ष में फल लदे दिखे। जिस पर कलेक्टर व अन्य अधिकारियों से रखरखाव की प्रशंसा करते हुए कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन किया। साथ ही ग्राम पंचायत सचिव विठोबा चनकर के कार्यों की सराहना कीं।

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