मध्य प्रदेश की सरकार ने अपने सारे शहर एकदम साफ-सुथरे बनाने का बड़ा प्लान बनाया है। इस स्कीम के तहत, केंद्र सरकार ने राज्य को पूरे ₹5 हज़ार करोड़ दिए हैं। इससे शहरों में कचरा उठाने, उसको ढोने और ठिकाने लगाने का काम और भी बढ़िया हो जाएगा।
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पुराने कचरे का होगा सफाया!
राज्य के शहरी विकास विभाग ने अगले 3 साल में 100% कचरा ठिकाने लगाने का टारगेट रखा है। इंदौर में तो ‘गोबरधन बायो सीएनजी’ प्लांट भी लग गया है, जो हर दिन 500 टन कचरे से CNG गैस और खाद बनाता है। इससे कचरे से कमाई भी हो रही है और चीज़ें दोबारा इस्तेमाल हो रही हैं, एकदम चक्रम जैसा! इस प्लांट से जो खाद बन रही है, वो खेतों में डल रही है, जिससे केमिकल वाली खाद की ज़रूरत भी कम हो गई है।
360 ठिकानों पर कचरा होगा अलग-अलग!
इसके साथ ही, राज्य के 405 शहरों में गीले कचरे से खाद बनाने का काम चल रहा है, और सूखे कचरे को अलग-अलग करने के लिए 360 ठिकाने बनाए गए हैं। अभी तक 50 शहरों में तो सारा पुराना कचरा साफ हो गया है, और अगले राउंड में 108 शहरों में ये काम चल रहा है।
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स्वच्छ भारत मिशन 2.0 का कमाल!
असल में, ये सारा काम स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत हो रहा है। सरकार ने अगले 5 साल का प्लान बनाया है कि मध्य प्रदेश के सारे शहर कचरा-मुक्त हो जाएं। इसके लिए लगभग ₹4 हज़ार 914 करोड़ के प्लान को मंज़ूरी भी मिल गई है। इस साल के बजट में शहरी विकास विभाग ने लगभग ₹473 करोड़ रखे हैं, ताकि ये काम अच्छे से हो सके। अब देखना है, अपना मध्य प्रदेश कब एकदम चमकता-दमकता और कचरा-मुक्त बनता है!