किसानों की ज़मीन को वेस्टर्न आउटर रिंग रोड बनाने के लिए लेने का एक बड़ा फैसला हुआ है। अब किसानों को मिलेगा डबल मुआवजा! ये बात सोमवार को कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में रेसीडेंसी में हुई मीटिंग में तय हुई।
इस मीटिंग में NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेष बंजाल, भारतीय किसान संघ मालवा प्रांत के अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पटेल और दूसरे किसान संगठनों के लोग भी मौजूद थे। इस फैसले से किसानों को उम्मीद है कि उनकी ज़मीन जाने से जो नुकसान होगा, उसका सही मुआवजा उन्हें मिलेगा।
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किसानों की मांगें मानी गईं:
मीटिंग में किसानों ने कई ज़रूरी मांगें रखीं, जिसमें वेस्टर्न आउटर रिंग रोड का पुराना गजट नोटिफिकेशन रद्द करके नया निकालने की बात भी थी। लेकिन कलेक्टर आशीष सिंह ने साफ किया कि गजट नोटिफिकेशन तो कैंसिल नहीं होगा, पर नए नियमों के हिसाब से किसानों को डबल मुआवजा दिलाने की पूरी कोशिश की जाएगी। किसानों ने इस पर खुशी जताई, क्योंकि इससे उन्हें अच्छा मुआवजा मिलेगा।
जिनकी पूरी ज़मीन जा रही, उन्हें और फायदा:
मीटिंग में उन किसानों की बात भी हुई जिनकी 100% ज़मीन इस प्रोजेक्ट में आ रही है। तय हुआ कि ऐसे किसानों को सरकार की तरफ से और भी फायदे दिए जाएंगे। किसान नेताओं ने डबल मुआवजे की मांग की थी, जिसे मान लिया गया।
किसानों की दूसरी बड़ी मांगें और उनका हल:
- बाइपास पर सर्विस रोड: किसानों ने मांग की थी कि बाइपास पर सर्विस रोड बने, ताकि खेत तक जाने में दिक्कत न हो। इस बात पर सहमति बन गई है।
- पाइपलाइन और पानी की निकासी: पानी की निकासी और पाइपलाइन का सही इंतजाम करने की मांग थी, जिसे जल्द ही हल करने का भरोसा दिया गया है।
- अंडरपास का निर्माण: किसानों ने हर आधे किलोमीटर पर अंडरपास बनाने की मांग की थी, ताकि ट्रैफिक में परेशानी न हो। इस पर भी अच्छी बातचीत हुई।
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कलेक्टर आशीष सिंह ने ये भी बताया कि ज़मीन लेने का काम तेज़ी से किया जाएगा। मंगलवार से दो टीमें ज़मीन का सर्वे करेंगी, और 15 दिन में अधिग्रहण का अवार्ड पास हो जाएगा। एक से दो महीने में आर्बिट्रेशन पूरा करने की कोशिश की जाएगी। इसके साथ ही, अगले एक महीने में सड़क बनाने का काम भी शुरू हो जाएगा।